मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ श्रीगुरु चरन https://beckettstibq.bleepblogs.com/30263220/shiv-chalisa-lyrics-in-marathi-an-overview