कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न https://r95949.mysticwiki.com/1017874/shiv_chaisa_secrets