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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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“शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए तुझसे दूर जाने के बाद तन्हा तो हूँ लेकिन, “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे क्या करें इश्क की तासीर ही ऐसी होती है। “कहानी अधूरी होती है, तो जीने का मज़ा सुनहरा होता है।” तन्हाई की https://youtu.be/Lug0ffByUck

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